Rumored Buzz on shiv chalisa lyrics in hindi
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अंग गौर शिर गंग बहाये । मुण्डमाल तन छार लगाये ॥
पण्डित त्रयोदशी को लावे। ध्यान पूर्वक होम करावे ॥
त्रयोदशी ब्रत करे हमेशा । तन नहीं ताके रहे कलेशा ॥
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महाबीर बिक्रम बजरंगी। कुमति निवार सुमति के संगी।।
कार्तिक श्याम और गणराऊ। या छवि को कहि जात न काऊ॥
अर्थ- हे प्रभु वैसे तो जगत के नातों में माता-पिता, भाई-बंधु, नाते-रिश्तेदार सब होते हैं, लेकिन विपदा पड़ने पर कोई भी साथ नहीं देता। हे स्वामी, बस आपकी ही आस है, आकर मेरे संकटों को हर लो।
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शिव चालीसा - जय गिरिजा पति दीन दयाला । सदा करत सन्तन प्रतिपाला.
शिवाष्टक स्तोत्र का पाठ करने के फायदे
अस्तुति चालीसा शिविही, सम्पूर्ण कीन कल्याण ॥
अर्थ: हे शिव शंकर आप तो संकटों का नाश करने वाले हो, भक्तों का कल्याण व बाधाओं को दूर करने वाले हो योगी यति ऋषि मुनि सभी आपका ध्यान लगाते हैं। शारद नारद सभी आपको शीश नवाते हैं।
अर्थ: माता मैनावंती की दुलारी अर्थात माता पार्वती जी आपके बांये अंग में हैं, उनकी छवि भी अलग से मन को हर्षित करती है, तात्पर्य है कि आपकी पत्नी के रुप में माता पार्वती भी पूजनीय हैं। आपके हाथों में त्रिशूल आपकी छवि को और भी आकर्षक बनाता है। आपने check here हमेशा शत्रुओं का नाश किया है।
अंग गौर शिर गंग बहाये। मुण्डमाल तन क्षार लगाए॥